खुजली के कारण – Causes of Itching in Hindi
स्किन एजिंग
डर्मेटाइटिस (त्वचा पर लाल, खुजलीदार चकत्ते)
साबुन, केमिकल या अन्य किसी चीज से जलन
रूखी त्वचा
पित्ती (हाइव्स)
सोरायसिस (त्वचा पर खुजली, रैशेज और चकत्ते)
कीड़े का काटना/डंक
रैशज
सनबर्न
चिकनपॉक्स
स्किन एलर्जी
हेपेटाइटिस
आयरन की कमी (एनीमिया)
किडनी से जुड़े विकार
पीलिया और लिवर से जुड़े विकार
गर्भावस्था
किसी दवा का दुष्प्रभाव
मौसम के बदलने के कारण स्किन संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई बार शरीर में इंफेक्शन या फिर खुजली हो जाती है। इसका मुख्य कारण वातावरण मे ड्राईनेस के कारण होता है।
इंफेक्शन कई तरह का होता है। जैसे कि रेड स्किन, स्किन ड्राई होना, स्किन में छोटे-छोटे दाने पड़ जाना। अगर इन्हें ध्यान न दिया तो यह इंफेक्शन धीरे-धीरे बढ़ जाता है। किसी किसी की स्किन बहुत ही सेंसिटिव होती है। जैसे कि किसी की सॉफ्ट, ड्राई तो किसी की ऑयली होती है। जिसके अनुसार आपको इस इंफेक्शन से निजात पाने के लिए कई तरह के प्रोडक्ट आसानी से मिल जाता है। कई बार ये बहुत ही मंहगे होते है या फइर इनसे आपको अराम नहीं मिलता है। इतना ही नहीं कई बार ऐसे केस सामने आएं है कि इन प्रोडक्ट से खुजली सही के बदले साइड इफेक्ट हो गया है।
अगर आपकी स्किन में ऐसा किसी तरह का इंफेक्शन या खुजली हो गई है, तो आप एक घरेलू उपाय द्वारा भी इस समस्या से निजात पा सकते है। इससे आपकी स्किन संक्रमण रहित हो जाती है। जीरा इंफेक्शन और खुजली से आसानी से निजात दिला सकता है।
खुजली के घरेलू उपाय – Home Remedies for Itching in Hindi
नीचे खुजली के लिए घरेलू उपाय बताए गए हैं, जो खुजली से कुछ हद तक आराम दिलाने में मदद कर सकते हैं। हम यहां बता दें कि ये घरेलू नुस्खे खुजली का इलाज नहीं हैं और समस्या गंभीर होने की स्थिति में डॉक्टरी इलाज करवाना जरूरी है।
1. बेकिंग सोडा
सामग्री :
आधा कप बेकिंग सोडा
एक बाथटब में गुनगुना पानी
कैसे करें इस्तेमाल?
नहाते समय बाथटब में आधा कप बेकिंग सोडा मिला लें।
अब इस पानी में लगभग 15-20 मिनट के लिए शरीर को डुबोकर बैठ जाएं।
अंत में साफ पानी से नहा लें।
खुजली दूर करने के उपाय और इलाज – Itchy Skin (Khujli) Remedies in Hindi
सबसे पहले आपको बताते हैं खुजली के प्रकार के बारे में।
खुजली के प्रकार -Types of Itching in Hindi
1.न्यूरोजेनिक खुजली – इस प्रकार की खुजली उन विकारों के कारण होती है, जो त्वचा के अलावा अन्य अंगों को प्रभावित करते हैं। इसमें किडनी, लिवर, खून और कैंसर से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं। यह खुजली केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के जरिए फैलती है।
2.साइकोजेनिक खुजली – साइकोजेनिक खुजली को एक मनोवैज्ञानिक रोग माना जाता है। इस प्रकार की खुजली में सामान्य त्वचा पर खुजली करने की तीव्र इच्छा होती है। माना जाता है कि इस प्रकार की खुजली डिप्रेशन, एंग्जायटी और अन्य मानसिक विकारों के कारण हो सकती है।
3.न्यूरोपैथिक खुजली – इस प्रकार की खुजली केंद्रीय या पेरिफेरल न्यूरॉन्स (नर्वस सिस्टम से जुड़ा) को क्षति पहुंचने के कारण होती है। यह खुजली तंत्रिका तंत्र से जुड़े विकारों जैसे पैरेस्थेसिया (हाथों में लगातार सुई चुभने जैसा एहसास) के कारण हो सकती है। यह विकार कई बार खुजली के साथ दर्द का भी कारण बन सकते हैं।
4.प्रुरिटोसेप्टिव खुजली – इस खुजली के लिए अक्सर त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श किया जाता है। यह खुजली सूजन या किसी स्किन डैमेज के कारण हो सकती है। यह बढ़ती उम्र या स्किन एलर्जी के कारण भी हो सकती है।
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