पुरुष पैटर्न बाल्डनेस, जिसे एंड्रोजेनिक एलोपेसिया भी कहा जाता है, सबसे आम कारणों में से एक है जिसमें आपकी उम्र जैसे जैसे बढ़ती है आप अपने बाल खोते चले जाते हैं।
डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (DHT) एक एण्ड्रोजन है। एक एण्ड्रोजन सेक्स हार्मोन जो आपके शरीर के बालों के रूप में और "पुरुष" सेक्स विशेषताओं के रूप में जाना जाता है और जो आपके शरीर के विकास में योगदान देता है। लेकिन यह आपको बालों को तेजी से और समय से पहले खो देने में भी अहम् योगदान देता है। DHT आपके बालों और टेस्टोस्टेरोन से कैसे संबंधित है, और आप इसे रोकने के लिए क्या कर कते हैं वह हम यहाँ जानेंगे।
DHT क्या करता है? What Is DHT?
DHT टेस्टोस्टेरोन से लिया गया है। टेस्टोस्टेरोन एक हार्मोन है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में मौजूद होता है। यह DHT एण्ड्रोजन हैं, हार्मोन जो पुरुष यौन विशेषताओं में योगदान करते हैं जब आप यौवन से गुजरते हैं। इन लक्षणों में शामिल हैं:
आपकी आवाज़ में समय के साथ भारीपन आना
शरीर के बाल और मांसपेशियों में वृद्धि
शुक्राणु उत्पादन शुरू होते ही लिंग, और अंडकोष में वृद्धि
जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन और DHT के कई अन्य लाभ होते हैं, जैसे कि आपकी समग्र मांसपेशियों को बनाए रखना और यौन स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देना।
पुरुषों में आमतौर पर अधिक टेस्टोस्टेरोन मौजूद होता है। सभी वयस्कों में लगभग 10 प्रतिशत टेस्टोस्टेरोन को DHT में 5-अल्फा रिडक्टेस (5-AR) नामक एंजाइम की मदद से परिवर्तित किया जाता है।
एक बार जब यह आपके रक्तप्रवाह के माध्यम से स्वतंत्र रूप से बहती है, तो DHT आपके स्कैल्प में बालों के रोम पर रिसेप्टर्स को लिंक कर सकता है, जिससे वे सिकुड़ जाते हैं और बालों के स्वस्थ फॉलिकल्स को नष्ट करते हैं।
DHT और बाल्डनेस में सम्बन्ध | Relation Between DHT and Baldness.
आपके शरीर पर हर जगह बाल बाल होते है जो आपकी त्वचा के नीचे की संरचनाओं से बाहर निकलते हैं, जिन्हें फॉलिकल्स के रूप में जाना जाता है, जो अनिवार्य रूप से छोटे कैप्सूल के मानिंद होते हैं, जिनमें से प्रत्येक में बालों का एक किनारा होता है।
DHT सहित एण्ड्रोजन के उच्च स्तर, आपके बालों के फॉलिकल्स को सिकोड़ सकते हैं और साथ ही इस चक्र को छोटा कर सकते हैं, जिससे बाल पतले और अधिक भंगुर दिखते हैं, साथ ही तेजी से गिरते हैं।
कुछ लोग अपने एण्ड्रोजन रिसेप्टर (एआर) जीन में भिन्नता के आधार पर खोपड़ी के बालों पर डीएचटी के इन प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। एण्ड्रोजन रिसेप्टर्स प्रोटीन होते हैं जो टेस्टोस्टेरोन और DHT जैसे हार्मोन को उन्हें बांधने की अनुमति देते हैं। इस बाध्यकारी गतिविधि का परिणाम आम तौर पर शरीर के बालों की वृद्धि जैसी सामान्य हार्मोनल प्रक्रियाओं में होता है।
लेकिन एआर जीन में विविधता आपके खोपड़ी के रोम में एण्ड्रोजन ग्रहणशीलता को बढ़ा सकती है, जिससे आपको पुरुष पैटर्न बालों के झड़ने का अनुभव होने की अधिक संभावना है
DHT शरीर के लिए क्यों आवश्यक होता है? – Why DHT is Essential for the Body in Hindi
DHT (Dihydrotestosterone) के शरीर में आवश्यकता की अगर बात करे तो यह पुरुषो के लिंग और प्रोस्टेट ग्रंथि के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
साथ ही शरीर के बालों का बढ़ना, आवाज का भारीपन होना, दाढ़ी का आना, चेहरे की बनावट में बदलाव, पुरुषों में वीर्य का बनना तथा शरीर की मांसपेशियों में बदलाव आना, यह सभी dht हार्मोन के शरीर में बहाव होने से ही होता है।
DHT कैसे शरीर को नुकसान पहुंचा रहा है? – How is DHT Harming the Body in Hindi
DHT (Dihydrotestosterone) शरीर के उन हिस्सों में जाकर जमा हो जाता है जहां शरीर का खून का बहाव कम होता है, खून का बहाव सिर के ऊपरी भाग में कम होता है।
यह सिर के बालों के जड़ो के आसपास एकत्रित हो जाता है, जिससे कि बालों का सही पोषण मिलने में दिक्कते आती है।
जिसके कारण सबसे पहले बालों का पतला होना तथा बालों का झड़ना शुरू हो जाता है इसके बाद बालों का जड़ों से टूटना शुरू हो जाता है। DHT (Dihydrotestosterone) किसी व्यक्ति में अधिक तथा किसी व्यक्ति में कम बनता है।
अगर DHT अत्यधिक मात्रा में शरीर में परिवर्तित होता है तो इससे प्रोस्टेट कैंसर भी हो सकता है। DHT को बालों के रोम को छोटा करने का कारण भी माना जाता है।
DHT की उपस्थिति के बिना सिर के बाल बढ़ सकते हैं, लेकिन शरीर के बाल, और दाढ़ी के बाल बिना DHT एण्ड्रोजन के नहीं बढ़ सकते हैं।
5-AR का स्तर DHT के स्तर बढ़ता है, जिसे अधिक टेस्टोस्टेरॉन dht में परिवर्तित होता है और यह अधिक से अधिक बालों के झड़ने का परिणाम भी हो सकता है।
DHT अधिकांश बालों के विकास के लिए आ वश्यक है लेकिन यह सिर के बालों के विकास के लिए एक समय के बाद नुकसान देह होता है।
DHT कैसे ब्लॉक किया जा सकता है? – DHT How can it be blocked in Hindi
यह जानते है की कैसे इसे ब्लॉक किया जा सकता है आप को सिर्फ Lycopene, Lycine, Zinc, Antioxidant से जुड़े हुए फल तथा सब्जियों का सेवन लेने की आवश्कता है। चलिए जानते है की वे कौन से फल तथा सब्जिया है।
DHT Blocker Foods टमाटर (tomato)
टमाटर के सेवन से हमे लाइकोपिन प्राप्त होता है, पोषक तत्वों की नजर से टमाटर बेहद ही खास होता है, हमे विटामिन A, विटामिन C की मात्रा अधिक मात्रा में प्राप्त होता है।
इसके साथ ही टमाटर में अल्फा-लिपोइक एसिड भी पाया जाता है, जो हमारे शरीर में रक्त शर्करा या ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में सहायता करता है।
DHT Blocker Foods तरबूज (Melon)
तरबूज में भी लाइकोपिन पाया जाता है जो हमारी त्वचा की चमक को बरकरार रखता है, साथ ही यह हृदय संबंधी बीमारियों को रोकने में सहायता करता है। यह शरीर के कोलेस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रित करता है।
तरबूज के सेवन से हमारा इम्यून सिस्टम भी बेहतर होता है, इसमें पाया जाने वाला विटामिन A हमारी आंखों के स्वास्थ के लिए भी अच्छा होता है।
DHT Blocker Foods अंगूर (Grapes)
अंगूर से हमे आयरन, कॉपर और मैग्नेशियम जैसे पोषक तत्व हमे प्राप्त होते हैं और ये सभी पोषक तत्व शरीर के हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते है। इसके सेवन से हमें में एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी मिलते हैं।
DHT Blocker Food आम (Mango)
आम के सेवन से हमें प्रचुर मात्रा में लाइकोपिन की मात्रा प्राप्त होती है, अगर इसके फायदे के बारे में बात करे तो इसके सेवन से शरीर का कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है साथ ही यह त्वचा के लिए बेहतर माना जाता है।
DHT Blocker Food दूध (milk)
कम वसा वाले दूध से हमे लायसिन की मात्रा प्राप्त होती है साथ ही सोया उत्पाद, जैसे टोफू और सोयाबीन अच्छे विकल्प भी हो सकते हैं।
लायसिन शरीर के शारीरिक कार्यों के लिए आवश्यक होता है, लायसिन का एक अच्छा स्रोत मांस, मुर्गी के अंडे, मछली जैसे कि कॉड या सार्डिन, मसूर की दाल, पनीर, सोयाबीन पर्याप्त मात्रा में लायसिन उपलब्ध होता है।
DHT Blocker Food अंडे (Egg)
अंडे भी लायसिन का एक अच्छा स्रोत हैं, जब शरीर को पर्याप्त मात्रा में लायसिन नहीं मिलता है तो शरीर में थकान, एकाग्रता में कमी, चिड़चिड़ापन यह सभी हो सकता है।
DHT Blocker Food मूंगफली (Peanut)
मूंगफली जिंक का सबसे अच्छा स्रोत है। साथ ही इसमें आयरन, विटामिन ई, मैग्नीशियम, फोलिक एसिड तथा फाइबर भी होता है।
DHT Blocker Food लहसुन (Garlic)
लहसुन का सेवन हमे करना चाहिए इससे शरीर को विटामिन C, विटामिन B, आयोडीन, आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व एक साथ मिल जाते हैं।
DHT Blocker Food अंडे (Egg)
अगर आपको जिंक की मात्रा चाहिए तो आपको अपने आहार में अंडे के पीले भाग को शामिल करना चाहिए।
DHT Blocker Food तिल
तिल से हमे बहुत अधिक मात्रा में जिंक मिलता है, साथ ही इसमें कई प्रकार के प्रोटीन, कैल्शियम, बी काम्प्लेक्स और कार्बोहाइट्रेड आदि तत्व पाये जाते हैं।
DHT Blocker Food मशरुम (Mushroom)
मशरुम से भी हमे जिंक की मात्रा प्राप्त होता है, इसमें बहुत सारा मिनरल जिसमें जिंक भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। साथ ही मशरुम में उपयोगी मिनरल जैसे, पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम भी हमे मिलता है।
DHT Blocker Food डार्क चॉकलेट (Dark Chocolate)
डार्क चॉकलेट के सेवन से हमे एंटीऑक्सिडेंट प्राप्त हो जाता है, कुछ एंटीऑक्सिडेंट हमारे शरीर में ही बनते हैं लेकिन हमें अपने आहार में उच्च एंटीऑक्सिडेंट खाद्य पदार्थ भी जोड़ना जरूर चाहिए।
DHT Blocker Food नींबू (Lemon)
नींबू में भी जिंक की मात्रा पाया जाता है, इसमें विटामिन C तथा एंटीऑक्सीडेंट प्राप्त होता है। नींबू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हमारे बालों और त्वचा के लिए जरुरी होता है।
DHT Blocker Food नट्स (Nuts)
नट्स यानी सूखे मेवे में हमे विटामिन E के साथ एंटीऑक्सीडेंट भी होता है।
DHT Blocker Food तरबूज (Melon)
सबसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थों तरबूज भी एंटीऑक्सिडेंट का एक स्रोत है। इसके साथ ही यह विटामिन C होने के कारण एंटीऑक्सीडेंट गुणों से युक्त होता है।
क्या है टेस्टोस्टेरोन?
टेस्टोस्टेरोन मनुष्यों और पशुओं में पाया जाना वाला एक हार्मोन है।
कैमिकल तौर पर देखें तो टेस्टोस्टेरोन एक स्टेरॉयड है। जबकि जैविक तौर पर ये मेल सेक्स हार्मोन है।
पुरुषों में ये हार्मोन उनके अंडकोष में बनता है। जबकि महिलाओं के गर्भाशय में भी ये थोड़ी मात्रा में बनता है।
एक सामान्य पुरुष एक दिन में 5-10 MG टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन करता है।
इसका 95 फीसदी उत्पादन उसके अंडकोष में होता है जबकि बाकी का 5 फीसदी उत्पादन किडनी के ऊपर स्थित एड्रेनल ग्लैंड में होता है।
अंडकोष या गर्भाशय के अलावा, ऐसे सभी सेक्स हॉर्मोन मूल रूप से हमें कॉलेस्ट्रॉल से प्राप्त होते हैं।
शरीर टेस्टोस्टेरॉन का उत्पादन टीनेज में ही शुरू कर देता है। हालांकि 30 साल की उम्र के बाद इसमें धीरे-धीरे कमी आने लगती है।
स्वस्थ शरीर में कितना होता है टेस्टोस्टेरोन लेवल?
असल में आपके टेस्टोस्टोरोन का पूरा दिन ऊपर-नीचे होता रहता है।
पुरुषों का टेस्टोस्टोरोन लेवल सुबह के वक्त अपने चरम पर होता है। लेकिन बाद में फिर धीरे-धीरे ये घटने लगता है।
टेस्टोस्टेरोन के सामान्य प्रोडक्शन को हर 1-3 घंटे के बीच रिलीज होने वाला एक और हार्मोन गोनाडोट्रोफिन (GnRH) कंट्रोल करता है।
आमतौर पर किसी युवा पुरुष में (19-39 साल के बीच) शरीर में मौजूद टेस्टेस्टोरोन की स्वस्थ मात्रा 264-916 नैनोग्राम प्रति डेसीलीटर होती है।
इस मात्रा का सिर्फ 25 प्रतिशत ही जैविक रूप से सक्रिय होता है। जबकि सिर्फ 2-3 प्रतिशत ही फ्री टेस्टोस्टेरोन के रूप में मौजूद होता है।
बाकी बचा टेस्टोस्टेरोन अल्ब्यूमिन के रूप में निष्क्रिय पड़ा रहता है।
कैसे काम करता है टेस्टोस्टेरोन?
टेस्टोस्टेरोन किसी भी कोशिका (सेल्स/cells) में प्रवेश करके एंड्रोजेन रिसेप्टर से जुड़ सकता है।
इसमें किसी भी सेल के नाभिक (nucleus) पर सीधे प्रतिक्रिया करने की क्षमता होती है।
ये हमारी सेक्स ग्रंथियों और टिश्यू जैसे स्किन, बाल/हेयर की जड़ों और फैट के लिए प्रो-हार्मोन का काम भी करता है।
इसे यूं समझिए, जब एंजाइम 5-अल्फा-रिडक्टेस आपके प्रोस्टेट/अंडकोष या त्वचा में मौजूद होता हैै।
ये टेस्टोस्टेरोन को अधिक शक्तिशाली एंड्रोजन, डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (DHT) में बदल देता है।
अगर फैट टिश्यू में मौजूद होता है, तो एरोमाटेज़ एंजाइम टेस्टोस्टेरोन को एस्ट्रोजन, एस्ट्राडियोल (estradiol) में बदल देता है।
दूसरे शब्दों में कहें तो आपके शरीर में जितने ज्यादा फैट टिश्यू होंगे, शरीर टेस्टोस्टेरोन से उतने ही ज्यादा एस्ट्रोजेंस बनाएगा।
क्या होता है टेस्टोस्टेरोन का शरीर पर असर?
किसी व्यस्क पुरुष में टेस्टोस्टेरोन पूरे शरीर को प्रभावित करता है।
मसल्स
प्रोटीन संश्लेषण (protein synthesis) की प्रक्रिया बढ़ाता है और मसल्स मास और ताकत को बढ़ाता है।
बॉडी फैट
शरीर में फैट की खपत और स्टोरेज को रोकता है और फैट को बर्न करने वाले बीटा-एड्रीनर्जिक रिसेप्टर्स (beta-adrenergic receptors) की संख्या को बढ़ाता है।
दिमाग
चेतना, याददाश्त/ मेमोरी, सेक्स की क्षमता को बढ़ाता है और आपकी भावनाओं को प्रभावित करता है।
हृदय
रक्त संचार और दिल के काम करने की क्षमता बढ़ाता है।
हड्डी
शरीर में रेड ब्लड सेल का उत्पादन और हड्डियों की ग्रोथ को बढ़ाता है। हड्डियों की सघनता को भी बरकरार रखता है।
पुरुष यौन अंग
आपके शरीर में स्पर्म/वीर्य का उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है। आपको निरोग बनाता है। लिंग की लंबाई और सेक्स टाइम को भी बढ़ाता है।
स्किन
कोलेजन के उत्पादन में मदद करता है। जिससे बाल तेजी से बढ़ते हैं।
किडनी
टेस्टोस्टेरोन के कारण एरिथ्रोपोइटिन (ईपीओ/EPO) का उत्पादन होता है। ये लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है।
इसके अलावा टेस्टोस्टेरोन शरीर में इंसुलिन जैसे ग्रोथ फैक्टर (IGF-1) को बढ़ाता है। शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्वस्थ स्तर को अक्सर अच्छी सेहत और रोग प्रतिरोधक क्षमता, लंबी उम्र, कम बॉडी फैट और मेटाबॉलिक दर में बढ़ोत्तरी का प्रतीक समझा जाता है।
क्यों जरूरी है टेस्टोस्टेरोन
टेस्टोस्टेरॉन को अक्सर सेक्स से जोड़कर देखा जाता है। किसी हद तक ये बात सही भी है क्योंकि ये स्पर्म के उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है।
लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल के कारण पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन लेवल में भारी कमी आई है।
टेस्टोस्टोरोन की कमी के कारण शरीर में फैट तेजी से जमने लगता है। इससे वजन और शेप को कंट्रोल कर पाना मुश्किल हो जाता है।
इसीलिए टेस्टोस्टेरोन के प्रोडक्शन को जारी रखना बेहद जरूरी है।
ऐसे वक्त में टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने वाले प्रीकर्सर बहुत काम आते हैं।
ये प्रीकर्सर हमारे शरीर में टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाने मेें मदद करते हैं।
लेकिन अब हम बात प्राकृतिक टेस्टोस्टेरोन प्रीकर्सर की करते हैं जो हमारे ज्यादातर मसल्स बनाने में काम आते हैं।
तो अगली बार जब आप टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने वाले प्रोडक्टस की शॉपिंग करने जाएं तो उन प्रोडक्ट को जरूर खरीदें, जिसमें निम्नलिखित तत्व मौजूद हों।
डी एस्पार्टिक एसिड (D Aspartic Acid)
सीप का अर्क (Oyster Extract)
ज़िंक (Zinc)
मैग्नीशियम (Magnesium)
जिनसेंग (Ginseng)
विटामिन डी (Vitamin D)
अश्वगंधा का अर्क (Ashwagandha Extract)
टोंगकट अली (Tongkat Ali)
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