धातु क्या है
जिससे शरीर का निर्माण या धारन होता है उसे ही धातु केहते है
सात धातुओं के नाम
1- रस : (प्लाज्मा)
2- रक्त : खून (ब्लड)
3- मांस : मांसपेशियां
4- मेद : वसा (फैट)
5- अस्थि : हड्डियाँ
6- मज्जा : बोनमैरो
7- शुक्र : प्रजनन संबंधी ऊतक (रिप्रोडक्टिव टिश्यू )
हमारे शरीर की पूरी संरचना इन्हीं सातों धातुओं से मिलकर हुई है। इनमें से हर एक का अपना अलग ही महत्व है।
1)रस धातु(प्लाज्मा)------ >रस धातु का निर्माण पाचन तंत्र में होता है और फिर यह रस रक्त द्वारा पूरे शरीर में फ़ैल जाता है।
2)रक्त धातु ( खून या ब्लड)------>इसकी मदद से बाकी सभी अंगों को पोषण मिलता है। यह धातु रंग को निखारता है और बाकी इन्द्रियों से जो ज्ञान मिलता है वह भी रक्त के कारण ही संभव है।
3 )मांसधातु -----> शरीर को शक्ति मिलती है। ये शरीर के पूरे ढांचे को सुरक्षा प्रदान करता है शरीर के निर्माण में मांसपेशियों का लेपन होता है।
4)मेद धातु (फैट) ------>इस धातु का मुख्य काम शरीर में चिकनाहट और गर्मी लाना है। यह शरीर को शक्ति, सुरक्षा, दृढ़ता और स्थिरता देता है।
5)अस्थि (हड्डियाँ ह)------>हमारे शरीर का ढांचा हड्डियों से ही होता है। इसी के आधार पर शरीर व उसके अंगों के आकार का निर्धारण होता है और शरीर खड़ा रहता है।
6)मज्जा धातु (बोनमैरो)------> शरीर में मौजूद हड्डियों के भीतर जो खाली जगह और छिद्र होते हैं उनमें बोनमैरो भरा हुआ रहता है। बोनमैरो हड्डियों के जोड़ों के बीच चिकनाई का काम करती है और उन्हें मजबूत बनाती है।
7)शुक्र (रिप्रोडक्टिव टिश्यू )------>इसे सबसे अंतिम, शक्तिशाली और महत्वपूर्ण धातु माना गया है। इसका सीधा संबंध हमारे शरीर में मौजूद प्रजनन संबंधी टिश्यू से है। अर्थात वो सारी चीजें जो संतान पैदा करने में मदद करती हैं शुक्र धातु के अंतर्गत आती हैं।
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